"गठिया वात (Rheumatoid Arthritis)"

 

गठिया वात (Rheumatoid Arthritis): कारण, लक्षण, उपचार और घरेलू उपाय

🔶 परिचय 

गठिया वात (Rheumatoid Arthritis) एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम अपने ही जोड़ों पर हमला करती है। जिससे सूजन, दर्द, जकड़न और धीरे-धीरे हड्डियों का क्षय होने लगता है।

एक बुजुर्ग व्यक्ति घुटने के दर्द से परेशान नजर आ रहा है, साथ में हल्दी, अदरक और अन्य आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की तस्वीर दी गई है, जो गठिया (वात) के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार को दर्शाती है।

🔶 गठिया के प्रमुख कारण

  • प्रतिरक्षा प्रणाली में गड़बड़ी
  • आनुवांशिकता
  • वायरल/बैक्टीरियल संक्रमण
  • हॉर्मोनल असंतुलन
  • तनाव, मोटापा, अनियमित दिनचर्या

🔶 गठिया वात के लक्षण

  • जोड़ों में सूजन, दर्द और गरमाहट 
  • सुबह जोड़ों में जकड़न
  • थकान, हल्का बुखार
  • वजन घटना, कमजोरी

🔶 गठिया के प्रकार

1. Rheumatoid Arthritis (RA)

यह सबसे आम प्रकार है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों को नुकसान पहुंचाती है।

2. Osteoarthritis (OA)

उम्र बढ़ने और जोड़ों के घिसने के कारण होता है।

3. Juvenile Arthritis

बच्चों में होने वाला गठिया जिसमें जोड़ों के साथ-साथ त्वचा और आंखें भी प्रभावित हो सकती हैं।

4. Gout (गठिया पित्त)

यह शरीर मे यूरिक एसिड के बढ़ने से होता है। इसके कारण जोड़ो, एड़ी, पैरों के अंगूठे में तेज दर्द होता हैं।

5. Psoriatic Arthritis

सोरायसिस त्वचा रोग से जुड़ा गठिया जिसमें त्वचा पर चकत्ते और जोड़ों में सूजन होती है।

6. Ankylosing Spondylitis

यह रीढ़ की हड्डी में सूजन पैदा करता है जिससे पीठ में जकड़न और झुकाव आता है।

7. Reactive Arthritis

संक्रमण के बाद होने वाला गठिया जो मूत्रमार्ग, आंत या जननांग संक्रमण के बाद आता है।

🔶 बचाव के उपाय

  • संतुलित आहार लें
  • वजन नियंत्रित रखें
  • धूम्रपान व शराब से दूर रहें
  • ठंडी जगह से परहेज करें
  • योग और व्यायाम करें

🔶 गठिया में परहेज

  • दही, छाछ, आइसक्रीम
  • तली-भुनी चीजें
  • बैंगन, आलू, टमाटर
  • ज्यादा प्रोटीनयुक्त चीजें

🔶 योग व प्राणायाम

  • वज्रासन
  • ताड़ासन
  • अनुलोम-विलोम
  • भ्रामरी

🔶 हल्की एक्सरसाइज

  • हाथ-पैरों की स्ट्रेचिंग
  • घुटनों को मोड़ना/सीधा करना
  • पैदल चलना

🔶 घरेलू नुस्खे

  • मेथी के दाने – रोज सुबह भीगे हुए खाएं
  • लहसुन – 2-3 कली सुबह
  • हल्दी वाला दूध
  • सरसों तेल + लहसुन मालिश

🔶 आयुर्वेदिक उपचार

  • महायोगराज गुग्गुलु
  • सिंहानाद गुग्गुलु
  • रास्नादी क्वाथ
  • अश्वगंधा + शतावरी चूर्ण
  • नारायण तेल / सहचरादि तेल की मालिश

🔶 गठिया रोगियों के लिए डाइट चार्ट

समय आहार
सुबह गुनगुना पानी + हल्दी + शहद
नाश्ता फल + दलिया / मूंग दाल चीला
दोपहर हरी सब्जी + मूंग दाल + रोटी
शाम ग्रीन टी + भुने चने
रात सूप + उबली हुई सब्जी

🔶 निष्कर्ष

गठिया वात एक दीर्घकालिक लेकिन नियंत्रित करने योग्य बीमारी है। यदि समय पर निदान, सही आहार, नियमित योग व आयुर्वेदिक चिकित्सा को अपनाया जाए, तो व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।


📌 ध्यान दें :-

यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य से है। किसी भी उपचार से पहले योग्य आयुर्वेदाचार्य या चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।

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