23/5/25

"गैस,कब्ज और अपच का आयुर्वेदिक इलाज एवं घरेलू नुस्खे"

 पेट की समस्याएं :-  गैस, कब्ज और अपच के कारण, लक्षण व प्रभावी आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय।

                           

गैस, कब्ज और अपच से जुड़ी पेट की समस्याएं और उनके लिए आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्खे


आजकल की भाग-दौड़ भरी जीवनशैली में गलत खान-पान और तनाव के कारण पेट की समस्याएं जैसे- गैस बनना, पेट साफ न होना (कब्ज) और अपच आम हो गई हैं। यदि समय पर जीवनशैली(Lifestyle) में ध्यान न दिया जाए, तो यह समस्या धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकती है।



--------


        -:  पेट की आम समस्याएं  :-


  •  गैस बनना (Flatulence)


  • पेट साफ न होना / कब्ज (Constipation)


  • अपच (Indigestion)


  • अम्ल-पित्त (Acidity)


  • पेट में भारीपन, मरोड़, दर्द 


---


           -:  प्रमुख कारण :-



  • समय पर भोजन न करना


  • ज्यादा तला-भुना, मसालेदार या जंक फूड


  • कम फाइबर वाला भोजन


  • पानी कम पीना


  • शारीरिक गतिविधि की कमी


  • मानसिक तनाव और नींद की कमी


  • ज्यादा चाय/कॉफी पीना या धूम्रपान करना 



----------


                -: सामान्य लक्षण :-



  • पेट फूलना या भारीपन महसूस होना 


  • डकारें आना


  • पेट में दर्द या सीने मे जलन


  •  मल त्याग (पैखाना)करने मे कठिनाई


  • मल कड़ा होना या बार-बार लगना


  • भोजन का स्वाद न आना, जी मिचलाना



--------



             -:  आयुर्वेदिक उपचार  :-



  • त्रिफला चूर्ण (Triphala Powder)


      मुख्य घटक :-  हरड़, बहेड़ा और आंवला का मिश्रण


      कैसे लें :-  रात को सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला 

                     चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।


      लाभ :-  यह पाचन को सुधारता है, आंतों की सफाई

                  करता है, कब्ज दूर करता है और गैस नहीं

                  बनने देता हैं।



  • हिंगवाष्टक चूर्ण (Hingwashtak Churna)


      मुख्य घटक :-  हींग, सौंठ, काली मिर्च, पिपली,

                          अजवाइन आदि


      कैसे लें :- भोजन के बाद 1/2 चम्मच चूर्ण गुनगुने

                    पानी के साथ लें।


     लाभ :- यह पाचनशक्ति बढ़ाता है, गैस और पेट फूलने

                की समस्या को दूर करता है।



  • अविपत्तिकर चूर्ण (Avipattikar Churna)


     कैसे लें :- 1 चम्मच चूर्ण, भोजन के बाद गुनगुने पानी

                   के साथ लें।


    लाभ :-  अम्ल-पित्त (एसिडिटी), अपच और जलन में

             राहत देता है।



  • इसबगोल की भूसी (Isabgol Husk)


     कैसे लें :-  रात को 1–2 चम्मच  इसबगोल दूध या

                    गुनगुने पानी में मिलाकर  लें।


     लाभ  :-  इसमे फाइबर होता है, जो मल को मुलायम

               बनाता है और पेट को पूरी तरह साफ करता

               है।




----------



            -: अन्य आयुर्वेदिक औषधियां :-


पंचसकार चूर्ण, दशमूलारिष्ट, या अभयारिष्ट – कब्ज, गैस और अपच में विशेष उपयोगी।

             (डॉक्टर की सलाह से लें)




---------


                 -: घरेलू नुस्खे :-



  • नींबू + शहद + गुनगुना पानी


      कैसे लें :-  सुबह खाली पेट 1 गिलास गुनगुने पानी में

                     1 चम्मच नींबू रस और 1 चम्मच शहद

                      मिलाकर पीएं।


       लाभ :-  पेट की सफाई, मेटाबॉलिज्म तेज करता है,

                   और कब्ज में राहत देता है।



  • अदरक + सेंधा नमक


       कैसे लें :- 1 चम्मच अदरक का रस में चुटकी भर

                     सेंधा नमक मिलाकर भोजन से पहले लें।


        लाभ :- अपाचन और गैस को तुरंत राहत।



  • हरड़ पाउडर


     कैसे लें :- 1/2 चम्मच हरड़ चूर्ण गुनगुने पानी के साथ 

                  रात को लें।


    लाभ :-  पेट साफ करता है और मल को नियंत्रित

                करता है।



  • सौंफ की चाय


     कैसे बनाएं :- 1 चम्मच सौंफ को 1 कप पानी में

                       उबालें, गुनगुना होने पर छानकर पीएं।


     लाभ :- गैस, अपच और पेट दर्द में तुरंत आराम।



  • केला + गुनगुना दूध


      कैसे लें :-  रात को सोने से पहले पका हुआ केला

                    खाकर ऊपर से गुनगुना दूध पीएं।


      लाभ :-  कब्ज में लाभदायक और पाचन सुधारता है।



  • अजवाइन + काला नमक


      कैसे लें :-  1/2 चम्मच अजवाइन + चुटकी भर

                    काला नमक को चबाकर गुनगुना पानी

                    पिएं।


     लाभ: गैस और पेट फूलने में राहत।



  • तुलसी और अदरक का काढ़ा


      कैसे बनाएं :- 4-5 तुलसी के पत्ते और अदरक के

                        टुकड़े को पानी में उबालकर छान लें।

                        गुनगुना होने पर पीएं।


      लाभ :-  अपच, पेट दर्द और गैस में कारगर।




  • किशमिश पानी


      रात को 10-12 किशमिश भिगोकर सुबह खाली पेट

      पानी पीएं और किशमिश खाएं।


     लाभ :- पाचन में सहायक और हल्के कब्ज में

               असरदार।



----------


             -: जीवनशैली में बदलाव :-



  • भोजन के तुरंत बाद पानी न पिएं


  • दिन में कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं


  • समय पर भोजन करें


  • 15-20 मिनट टहलना पाचन में सहायक


  • सुबह खाली पेट तांबे के बर्तन में रखा पानी पिएं


  • योगासन:- पवनमुक्तासन, वज्रासन, भुजंगासन



---------


                      -: निष्कर्ष :-


पेट की समस्याएं यदि लंबे समय तक बनी रहें, तो शरीर में और भी गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती हैं। इसलिए इन्हें अनदेखा न करें। आयुर्वेद और घरेलू उपायों को अपनाकर इन समस्याओं से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं।


---------


जानकारी अच्छा लगा हो तो दूसरों के साथ शेयर करें।इस जानकारी से संबंधित कोई टिप्पणी या सुझाव हो तो कमेंट करके जरूर बतायें।



यह भी पढ़ें :- एड़ी और पैर में दर्द का घरेलू आयुर्वेदिक उपचार।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें