24/5/25

"फैटी लीवर को जड़ से खत्म करने के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय"

 

फैटी लीवर :- कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक व घरेलू उपचार

फैटी लीवर और उसके उचार


फैटी लीवर (हेपेटिक स्टेटोसिस) जिसे आयुर्वेद में "यकृत मेदोरोग" कहा जाता है, आजकल एक आम समस्या बनती जा रही है। जब लीवर की कोशिकाओं में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है, तो यह स्थिति फैटी लीवर कहलाती है। समय रहते इलाज न किया जाए तो यह लीवर सिरोसिस या लिवर फेल्योर का कारण बन सकती है। आइए जानते हैं इसके मुख्य कारण, लक्षण, और इसे ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक व घरेलू उपाय।



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                    -: फैटी लीवर के कारण :-

  •  अनियमित खान-पान - अधिक तला-भुना, जंक फूड व चीनी                                                                                                                  युक्त भोजन।


  • मोटापा (Obesity) - शरीर में वसा की अधिकता।



  • अत्यधिक शराब का सेवन (Alcoholic Fatty

                                        Liver)


  • डायबिटीज और पर्याप्त इंसुलिन का न बनना।



  • कोलेस्ट्रॉल का असंतुलन होना।



  • दवाओं का अधिक सेवन (जैसे स्टेरॉइड्स)।



  • शारीरिक गतिविधियों की कमी (Sedentary

                                            Lifestyle)।





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                 -: फैटी लीवर के लक्षण :-


  • पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में भारीपन या हल्का दर्द।


  • लगातार थकान और कमजोरी।

  •  भूख न लगना।


  • वजन बढ़ना या अचानक घटना।


  • त्वचा व आंखों में पीलापन (गंभीर मामलों में)।


  • अपच और गैस की समस्या।




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                  -: आयुर्वेदिक उपचार :-


भृंगराज (Bhringraj) :-   यकृत की कोशिकाओं को

                              पुनर्जीवित करने मे सहायक।



पुनर्नवा (Punarnava) :- सूजन कम करने और लीवर 

                                  डिटॉक्स करने में लाभकारी।



  • त्रिफला चूर्ण :- पाचन सुधारता है और फैट को घटाता है।



  • अरोग्यवर्धिनी वटी :- लिवर की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए                                                                                                                  प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि।



  • धृतकुमारी रस (एलोवेरा जूस) :- लीवर की सफाई और                                          
                                 लीवर की क्षतिपूर्ति में सहायक।




नोट : उपरोक्त औषधियों का सेवन किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से करें।



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                       -: घरेलू उपचार :-


नींबू पानी :-  सुबह गुनगुने पानी के साथ नींबू का रस लेना

                   

                  लीवर डिटॉक्स में सहायक होता है।



हल्दी वाला दूध :- सूजन कम करता है और लीवर को साफ                           

                        करता है।



आंवला जूस :- विटामिन C से भरपूर, लिवर की सफाई में                         

                    मददगार।



ग्रीन टी :- एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर, चर्बी को कम करने में                  

               मदद करता है।



मेथी के बीज :- रातभर भिगोकर सुबह खाली पेट खाने से                        

                     ब्लड शुगर और फैट कंट्रोल होता है।



दैनिक व्यायाम :- कम से कम 30 मिनट का वॉक या                                  

            योगासन (जैसे भुजंगासन, धनुरासन) करें।





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             -: खान-पान में सावधानियां :-


  • तली-भुनी चीजें, चीनी व शराब से परहेज करें।


  • साबुत अनाज, हरी सब्जियां, फल और प्रोटीन युक्त आहार लें।


  • अधिक पानी पिएं और देर रात भोजन करने से बचें ।




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                           -: निष्कर्ष :-

फैटी लीवर को समय रहते पहचाना और सही जीवनशैली, आयुर्वेदिक उपचार व घरेलू उपायों से नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्षण गंभीर हों, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।




    इसे पढ़े -  लिवर समस्या को विस्तार से जानें।



                     स्वस्थ लीवर = स्वस्थ जीवन।                     








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