"बच्चों में खून की कमी और उपचार"
बच्चों में खून की कमी (एनीमिया) एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। यह तब होती है जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं या हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। इससे बच्चे में थकावट, कमजोरी और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
🔍 बच्चों में खून की कमी के मुख्य कारण
1. आयरन की कमी :- बच्चों में एनीमिया का सबसे बड़ा
कारण आयरन की कमी होती है। शरीर में हीमोग्लोबिन
बनाने के लिए आयरन आवश्यक होता है।
2.फोलेट(विटामिन B9) और विटामिन B12 की कमी -
ये पोषक तत्व लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में
सहायक होते हैं।
3. खान-पान में पौष्टिक तत्वों की कमी :- बच्चों का
भोजन अगर असंतुलित या जंक फूड पर आधारित हो, तो
एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है।
4.आंतों में कृमि :- ये शरीर से खून चूसते हैं, जिससे
एनीमिया हो सकता है।
5. बच्चों का शारीरिक विकास :- जब बच्चों का शारीरिक
विकास हो रहा होता है, तब शरीर को अधिक आयरन की
जरूरत होती है।
⚠️ खून की कमी के लक्षण
🔹बार-बार थक जाना
🔹त्वचा या होंठ मे पीलापन
🔹चिड़चिड़ापन
🔹भूख में कमी
🔹सिरदर्द या चक्कर
🔹सांस फूलना
🔹एकाग्रता में कमी
🏡घरेलू उपचार और आयुर्वेदिक उपाय
🔸 गुड़ और तिल -
रोजाना एक टुकड़ा गुड़ और एक चम्मच भुने तिल का
सेवन। यह आयरन का अच्छा स्रोत है।
🔸अनार का सेवन -
अनार हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है।
रोज एक अनार या अनार जूस का सेवन।
🔸पालक का सूप / सब्जी -
पालक आयरन से भरपूर होता है।
पालक का सूप, पराठा या सब्जी का सेवन।
🔸गाजर और चुकंदर का रस -
चुकंदर(बीट रुट )और गाजर का मिक्स जूस आयरन
का अच्छा स्रोत हैं।
सुबह खाली पेट सेवन करना फायदेमंद हैं।
🔸 सूखे मेवे (खजूर, किशमिश, अंजीर) -
आयरन से भरपूर होते हैं।
इन्हें भिगोकर सुबह खिलायें।
🔸आवंला और शहद -
आंवला (विटामिन C) भोजन से आयरन के अवशोषण
में मदद करता है।
एक चम्मच आंवला रस में थोड़ा शहद मिलाकर दें।
🔸कृमि नाशक उपाय -
6 महीने में एक बार कृमि नाशक दवा (एल्बेंडाजोल)
डॉक्टर की सलाह से दें।
♻️क्या करें और क्या न करें
✅ क्या करें -
🔹हरे पत्तेदार सब्जियां दें।
🔹तांबे के बर्तन में पानी रखें और पिलायें।
🔹संतुलित आहार दें।
🔹विटामिन C युक्त फल शामिल करें।
❌ क्या ना करें -
🔸जंक फूड या कोल्ड ड्रिंक्स देने से बचें।
🔸चाय/कॉफी न दें (आयरन अवशोषण रोकते हैं)।
🔸लंबे समय तक भूखा ना रखें।
🔸खून की कमी को नजरअंदाज ना करें।
🩺 डॉक्टर से कब मिलें
🔹जब बच्चे की त्वचा बेहद पीली दिखे
🔹सांस लेने में दिक्कत हो
🔹बेहोशी या चक्कर आए
🔹वजन तेजी से घट रहा हो
📝 निष्कर्ष
बच्चों में खून की कमी को समय रहते पहचानना और
उसका घरेलू व आयुर्वेदिक उपचार करना बेहद जरूरी है।
संतुलित आहार और नियमित देखभाल से बच्चे को स्वस्थ
और सक्रिय रखा जा सकता है।
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