गर्भावस्था एक महिला के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील समय होता है। इस दौरान शरीर को अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है, खासकर आयरन की। आयरन की कमी (Iron Deficiency Anemia) गर्भवती महिलाओं में एक आम समस्या है, जो मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।
🩸आयरन की कमी क्यो होती है🩸
गर्भधारण के बाद महिला के गर्भाशय में भ्रुण का विकास होता हैं,और यही भ्रुण विकसित होकर एक पूर्ण बच्चे का रूप लेता हैं। गर्भ मे भ्रुण का विकास एक जटिल और विकासशील प्रक्रिया हैं। भ्रुण के इस विकास प्रक्रिया मे गर्भवती महिलाओं को अधिक पोषण और रक्त की आवश्यकता होती हैं। ऐसे में शरीर को ज्यादा आयरन की जरूरत होती है, क्योंकि आयरन ही हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है। आयरन की कमी निम्न कारणों से हो सकती है :-
🔹आयरन युक्त भोजन की कमी
🔹पहले से ही एनीमिया होना
🔹बार-बार गर्भधारण करना
🔹अधिक उल्टी या भूख न लगना
🔹शरीर में आयरन अवशोषण की क्षमता कम होना
🕵️ आयरन की कमी के लक्षण🕵️
गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं :-
🔹लगातार थकान महसूस होना
🔹चक्कर आना या सिर घूमना
🔹सांस फूलना
🔹चेहरा पीला पड़ना
🔹नाखून और होंठों का रंग फीका पड़ना
🔹हृदय गति तेज होना
🔹ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
यदि गर्भवती महिला में ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना चाहिए है।
🚨 आयरन की कमी से होने वाला नुकसान 🚨
🤰गर्भवती महिला के लिए :-
🔹प्रीमैच्योर डिलीवरी (समय से पहले प्रसव)
🔹अत्यधिक कमजोरी और संक्रमण का खतरा
🔹डिलीवरी के दौरान अधिक रक्तस्राव
🤱 बच्चे के लिए :-
🔹जन्म के समय कम वजन
🔹विकास में रुकावट
🔹जन्म के समय लौह तत्व की कमी
✅ आयरन की कमी को कैसे दूर करें✅
🔹आयरन सप्लीमेंट्स लेना :- डॉक्टर की सलाह पर गर्भवती
महिलाओं को आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां दी
जाती हैं।
🔹आयरन युक्त आहार लेना :- हरी पत्तेदार सब्जियां,
फलियां, नट्स और बीज, आयरन युक्त फल आदि।
मांसाहार - मीट,चिकन, मछली और अंडे का सेवन।
🔹विटामिन C का सेवन :- विटामिन C युक्त फल जैसे - नींबू,
संतरा, आंवला आदि को भोजन में शामिल करना, क्योंकि
यह भोजन से आयरन के अवशोषण में मदद करता है।
🔹दूध या चाय के साथ आयरन सप्लीमेंट या आयरन युक्त
भोजन ना लें क्योंकि इनमें मौजूद कैल्शियम और टैनिन
शरीर मे आयरन के अवशोषण क्षमता को कम करता हैं।
📃 आयरन युक्त आहार की सूची 📃
भोजन आयरन (mg प्रति 100g)
🔸गुड़ 11.0
🔸सोयाबीन 15.7
🔸हरी पत्तेदार सब्जियां
(पालक, मेथी) 2.7 – 4.0
🔸अनार 0.3
🔸चना, मसूर, राजमा 4.0 – 6.0
🔸खजूर 1.0 – 2.0
🔸बाजरा, ज्वार, रागी 4.0 – 8.0
🔸मुनक्का, किशमिश 1.9
🔸अंडा 1.2
🔸मछली, चिकन, मटन 1.0 – 2.5
🏡 घरेलू नुस्खे (आयुर्वेद आधारित)🏡
🔹गुड़ और तिल से बने लड्डू का सेवन।
🔹आंवला रस और शहद मिलाकर सुबह खाली पेट लें।
🔹चुकंदर(बीट रुट) और गाजर का मिक्स जूस पिएं।
📝 निष्कर्ष 📝
गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। समय पर जांच, सही आहार और नियमित आयरन सप्लीमेंट्स सेवन से होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है। एक स्वस्थ माँ ही एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है।
स्वस्थ गर्भावस्था के लिए पौषण और आयरन से भरपूर जीवनशैली अपनाएं।
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