21/6/25

"साइनसाइटिस (Sinusitis) :- कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार"

 


       🔍 साइनसाइटिस क्या है?


साइनसाइटिस एक सामान्य लेकिन परेशानी देने वाली बीमारी है, जिसमें सिर की हड्डियों के अंदर मौजूद साइनस (Sinus) गुहा में सूजन आ जाती है। यह सूजन आमतौर पर संक्रमण, एलर्जी या बार-बार सर्दी-जुकाम के कारण होती है।


इन साइनस गुहा में बलगम बनता है, जो नाक के रास्ते बाहर निकलता है, लेकिन सूजन के कारण रास्ता बंद हो जाता है, जिससे संक्रमण बढ़ जाता है।


साइनसाइटिस के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार।


    🧾 साइनस कहां-कहां होते हैं?



1. Frontal sinus – माथे के ऊपर



2. Maxillary sinus – गाल की हड्डियों में



3. Ethmoid sinus – आंखों के बीच



4. Sphenoid sinus – सिर के पीछे





     ⚠️ साइनसाइटिस के मुख्य कारण


🔹वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण


🔹बार-बार सर्दी-जुकाम


🔹एलर्जी (धूल, धुआं, परागकण)


🔹नाक की हड्डी टेढ़ी होना (Deviated Nasal

     Septum)


🔹एडेनॉइड्स या नाक में मांस का बढ़ना


🔹 लंबी अवधि तक ठंडी और नमी वाली जगह में रहना


🔹इम्यून सिस्टम की कमजोरी




      🤧 साइनसाइटिस के लक्षण


🔸माथे, आंखों और गालों में भारीपन या दर्द


🔸नाक बंद रहना और गाढ़ा बलगम निकलना


🔸सिरदर्द, खासकर झुकने पर


🔸गंध और स्वाद की क्षमता कम होना


🔸बुखार (कभी-कभी)


🔸थकान और चिड़चिड़ापन


🔸खांसी, खासकर रात में




🩺 साइनसाइटिस के प्रकार (समय के अनुसार)



🔺Acute Sinusitis

    अवधि :- 2–4 सप्ताह

    कारण :- वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण 


🔺Subacute

    अवधि :- 4–12 सप्ताह

    कारण :- लंबे समय तक इलाज में देरी


🔺Chronic

    अवधि:- 12 सप्ताह से अधिक

    कारण :- लगातार बनी रहने वाली सूजन


🔺Recurrent

     साल में 4 या अधिक बार बार-बार होने वाली समस्या





🌿 आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से साइनसाइटिस


आयुर्वेद में साइनसाइटिस को "पनीस रोग" कहा गया है। यह मुख्य रूप से कफ और वात दोष के असंतुलन से होता है।




           🍂 आयुर्वेदिक उपचार🍂



👃 नस्य क्रिया (Nasyam)


▫️विशेष औषधीय तेल जैसे - अनुतैल को नाक में

     डालना।

▫️इससे बलगम साफ होता है और सूजन कम होती है।



🫚त्रिकटु चूर्ण


▫️सोंठ, काली मिर्च और पिपली का मिश्रण।


▫️बलगम कम करता है और पाचन सुधारता है।



🍶सिंहनाद गुग्गुलु / लक्ष्मीविलास रस


▫️पुराने साइनस और एलर्जी में फायदेमंद।



☕दशमूल काढ़ा


▫️सूजन और जकड़न कम करता है।




                🏠 घरेलू नुस्खे



🔻भाप लेना -  गर्म पानी में अजवाइन या विक्स डालकर

                     भाप लें।


🔻नमक मिले गुनगुने पानी से गरारे -  गले की सूजन व

     बैक्टीरिया दूर करने में मदद।


🔻तुलसी, अदरक और काली मिर्च की चाय -  रोग

     प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक।


🔻हल्दी वाला दूध - सूजन और संक्रमण को कम करता

     है।


🔻शहद और दालचीनी -  सुबह खाली पेट लें, बलगम

     पतला करता है




         🧘‍♀️ जीवनशैली और योग



👉प्रतिदिन प्राणायाम करें (अनुलोम-विलोम,

       कपालभाति)


👉सिर, गले और छाती को गर्म रखें


👉अधिक ठंडी चीजें, आइसक्रीम, फ्रिज का पानी न लें


👉सुबह खाली पेट 1 गिलास गुनगुना पानी + शहद +

      नींबू का सेवन करें




      🧪 आधुनिक जांच और उपचार



♻️CT Scan या X-ray PNS: साइनस की स्थिति

      देखने के लिए


♻️Antibiotics: बैक्टीरियल संक्रमण में


♻️Nasal Spray / Decongestants


♻️Surgery (FESS): जब सभी उपचार विफल हों




          🏥 कब डॉक्टर से मिलें?


🔸लक्षण 10 दिन से अधिक बने रहें


🔸आंखों में सूजन, तेज सिरदर्द या बुखार हो


🔸बार-बार साइनस की समस्या हो




                 📌 निष्कर्ष


साइनसाइटिस एक आम लेकिन परेशान करने वाली बीमारी है, जो सही समय पर इलाज और जीवनशैली में सुधार से पूरी तरह ठीक की जा सकती है। आयुर्वेदिक चिकित्सा, घरेलू उपाय और योग इसके लिए सबसे प्रभावशाली विकल्प हैं।

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