16/5/25

"नाक से खून आने (नकसीर) का आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार।"

 गर्मी में नाक से खून आना (नकसीर) – कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार







गर्मी के मौसम में बहुत से लोगो में नाक से खून आने (नकसीर) की समस्या होती हैं। यह समस्या बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक में हो सकती है। तेज गर्मी, लू और शरीर में गर्मी बढ़ने के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है। ऐसे तो यह समस्या ज्यादा गंभीर नहीं होती, लेकिन समय पर उपचार न किया जाए तो परेशानी बढ़ सकती है।


नकसीर आने के प्रमुख कारण :-


1. तेज गर्मी और लू लगना।



2. शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)। 



3. नाक में सूखापन या बार-बार नाक कुरेदना।



4. ब्लड प्रेशर का बढ़ना।



5. नाक में चोट लगना।



6. विटामिन C और K की कमी।



7. गर्मी में अधिक मसालेदार व तली-भुनी चीजों का सेवन।





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नकसीर के लक्षण :-


  • एक या दोनों नाक से अचानक खून बहना।


  • सिर दर्द या चक्कर आना।


  • नाक में जलन या खुजली।


  • बेचैनी और कमजोरी महसूस होना।




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नकसीर से बचाव और घरेलू उपचार :-


  • ठंडी चीजों का सेवन करें -


छाछ(मठ्ठा), नारियल पानी, बेल का शरबत और तरबूज जैसे फलों का सेवन करें।शरीर मे पानी की कमी ना हो इसलिए दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं।



  •  नाक पर ठंडी पट्टी रखें -


ठंडे पानी में सूती कपड़े को भिगोकर नाक के ऊपर सेंक करें।यह ब्लड वेसल्स को संकुचित करके खून के बहाव को रोकने में मदद करता है।



  • अनार का रस -


एक चम्मच अनार का रस नाक में बूंद-बूंद कर डालने से खून आना बंद हो सकता है। यह आयुर्वेद में एक पुराना नुस्खा है।



  • गुलाब जल और चंदन -


माथे पर चंदन और गुलाब जल से बना लेप लगाने से ठंडक पहुंचता है और यह नकसीर रोकने में मदद करता है।



  • धूप से बचाव करें -


तेज धूप में बाहर निकलते समय सिर को कपड़ा, टोपी या छाता से ढकें और चश्मा पहनें।

धूप के सीधे संपर्क में आने से शरीर की गर्मी बढ़ती है, जिससे नकसीर होने की संभावना बढ़ जाती है।




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आयुर्वेदिक उपचार :-


  • सितोपलादि चूर्ण :- इसे शहद के साथ दिन में 2 बार लेने से फायदा होता है। सितोपलादि चूर्ण मिश्री, वंशलोचन, पिपली, इलाइची और दालचीनी को उचित मात्रा में मिला कर बनाया जाता हैं । यदि इस चूर्ण को बनाने तरीका पता ना हो तो , आयुर्वेदिक दवा दुकानों में मिलने वाली अच्छी कंपनी का सितोपलादि का उपयोग करें।


  • उशीरासव:- उशीरासव विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक औषधियों को मिला कर बनाया जाता है। अच्छी कंपनी का उशीरासव सीरप 15-20 ml पानी के साथ भोजन के बाद सेवन करने से शरीर मे ठंडक आती हैं।


  • द्राक्षादि क्वाथ :-  यह आयुर्वेदिक काढ़ा गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाता है और नकसीर में उपयोगी है। हमेशा अच्छी कंपनी का ही आयुर्वेदिक औषधि प्रयोग करें।



(कोई भी आयुर्वेदिक दवा लेने से पहले वैद्य से परामर्श जरूर करें।)



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 डॉक्टर से कब संपर्क करें?


  • यदि बार-बार नकसीर आ रही हैं तो समस्या गंभीर हो सकती हैं।


  • खून बहने की मात्रा अधिक हो।


  • चक्कर या बेहोशी महसूस हो।


  • यदि कोई अन्य बीमारी (जैसे हाई ब्लड प्रेशर) पहले से हो।




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निष्कर्ष:

गर्मी में नकसीर आना आम समस्या है लेकिन थोड़ी सी सावधानी और घरेलू उपायों से इससे बचा जा सकता है। शरीर को हाइड्रेटेड रखें, गर्मी से बचें और आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर आप इस समस्या को नियंत्रण में रख सकते हैं।



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