पैदल चलने पर पैर की मांसपेशियों और एड़ी में दर्द :- कारण, लक्षण और घरेलू उपचार :-
पैदल चलना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा व्यायाम है, लेकिन जब चलने पर पैरों की मांसपेशियों और एड़ी में दर्द होने लगे, तो यह चिंता का विषय बन सकता है। यह समस्या सामान्यतः कामकाजी लोगों, बुजुर्गों और खिलाड़ियों मे देखी जाती है। समय पर इस समस्या की पहचान और सही देखभाल से इस दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।
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दर्द के संभावित कारण :-
1. प्लैंटर फैशिआइटिस (Plantar Fasciitis) :-
एड़ी और उससे जुड़े उत्तकों पर दबाव डालने वाली गतिविधियां अधिक होने पर,सुबह उठते ही या चलने पर तेज दर्द महसूस होता है।
2. मांसपेशियों में थकान या खिंचाव :-
लंबी दूरी तक पैदल चलने, दौड़ने या भारी काम करने से मांसपेशियां थक जाती हैं।
3. गलत प्रकार के जूते पहनना :-
अगर जूते में उचित कुशनिंग या सपोर्ट नहीं है,तो एड़ी और तलवे पर दबाव बढ़ जाता है।
4. हील स्पर (Heel Spur) :-
एड़ी मे बार बार खिंचाव या चोट लगने से एड़ी मे अतिरिक्त कैल्शियम का जमाव हो जाता है। जिससे एड़ी मे चुभन और दर्द होता है।
5. गठिया या यूरिक एसिड का बढ़ना :-
जोड़ों में सूजन और कठोरता या शरीर मे यूरिक एसिड बढ़ने के कारण चलने पर दर्द महसूस हो सकता है।
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घरेलू उपचार और आसान उपाय :-
1. गुनगुने पानी में सेंधा नमक(Rock Salt) डालकर पैर सेंकना
कैसे करें :-
- एक टब या बाल्टी में गुनगुना पानी भरें।
- उसमें 1–2 चम्मच सेंधा नमक (rock salt) डालें।
- अपने दोनों पैर 15–20 मिनट तक उसमे डाल कर रखें।
लाभ :-
- यह मांसपेशियों के थकान को दूर कर आराम देता है।
- सूजन कम करता है और रक्त संचार सही करता है।
- दर्द में तुरंत आराम महसूस होती है।
2. सरसों या नारियल के तेल की हल्की मालिश
कैसे करें :-
तेल को हल्का गुनगुना करें (ज्यादा गर्म न हो)और दर्द वाले जगहों पर हल्के हाथों से 5–10 मिनट तक मालिश करें।
लाभ :-
- मांसपेशियों की जकड़न दूर होती है।
- एड़ी और तलवे को गर्मी और आराम मिलता है।
- लगातार सही मालिश से दर्द कम होता है।
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3. हल्दी वाला दूध
कैसे बनाएं :-
- एक कप गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाएं।
- स्वाद अनुसार थोड़ा सा शहद डाल सकते हैं।
- रात को सोने से पहले पिएं।
लाभ :-
- हल्दी में प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले) गुण होते हैं।
- मांसपेशियों के अंदरूनी दर्द में राहत मिलती है।
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
4. स्ट्रेचिंग व्यायाम
पहला विधि :-
- दीवार का सहारा लेकर स्ट्रेचिंग :-
- किसी दीवार के सामने खड़े हो जाएं।
- एक पैर पीछे रखें और दूसरा आगे।दीवार और पैर के बीच 2 से 3 फीट की दूरी बनाए।
- दोनों हथेलियों को दीवार पर टिकाएं।
- पीछे वाले पैर की एड़ी ज़मीन पर रखें और शरीर को आगे की ओर झुकाएं।
- 20-30 सेकंड तक इस स्थिति को बनाए रखें।
- दोनों पैर बदल बदल कर 2-2 बार दोहराएं।
दूसरा विधि :-
- टॉवल या बेल्ट से स्ट्रेचिंग :-
- ज़मीन पर लेटें और एक पैर ऊपर उठाएं।
- पैर के तलवे पर टॉवल या बेल्ट लगाकर धीरे-धीरे खींचें।
- आप पिंडली और एड़ी में खिंचाव महसूस करेंगे।
- 20-30 सेकंड तक करें और फिर पैर बदल कर दूसरे पैर से दोहरायें।
लाभ :-
- मांसपेशियों में लचीलापन आता है।
- दर्द और खिंचाव की समस्या में आराम मिलता है।
- पैरों की गति (mobility) बेहतर होती है।
5. आराम और ऊँचाई देना
कैसे करें :-
पैरों को सामने की ओर फैला कर बैठे या पीठ के बल लेट कर पैरों के नीचे एक तकिया रखें।
दिन में कम से कम 2–3 बार 15–20 मिनट के लिए ऐसा करें।
लाभ :-
- इससे पैरों की सूजन कम होती है।
- रक्त संचार बेहतर होता है और थकान कम होती है।
- दर्द में राहत मिलती है।
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6. आरामदायक जूते पहनना
क्या ध्यान रखें :-
- ऐसे जूते चुनें जिनकी सोल सॉफ्ट और कुशनिंग वाली हो।
- जूते की फिटिंग ठीक हो और एड़ी को सपोर्ट मिले।
- फ्लैट या बहुत ऊँची हील वाले जूते न पहनें।
लाभ :-
- एड़ी और तलवे पर दबाव कम पड़ता है।
- लंबे समय तक चलने पर भी दर्द नहीं होता।
- चोट या सूजन का खतरा भी कम होता है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
आयुर्वेद में पैर और एड़ी मे दर्द को वात दोष से बताया गया है। वात के संतुलन के लिए निम्न उपाय लाभदायक हो सकते हैं :-
- योगराज गुग्गुलु
- महायोगराज गुग्गुलु
- अरंडी के तेल से सिकाई या मालिश
(इनका सेवन केवल किसी प्रमाणित आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह से करें।)
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कब डॉक्टर से संपर्क करें?
- दर्द लगातार बढ़ता जा रहा हो।
- चलने-फिरने मे कठिन हो रहा हो।
- सूजन, लालिमा या गर्मी महसूस हो रही हो।
- घरेलू उपायों से आराम न मिल रहा हो।
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निष्कर्ष :-
पैरों की मांसपेशियों और एड़ी का दर्द सामान्य जरूर है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना सही नहीं। जीवनशैली में थोड़े से बदलाव, घरेलू उपचार और जरूरत पड़ने पर चिकित्सकीय सलाह से इस समस्या को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
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क्या आप भी चलने पर एड़ी या पैरों में दर्द महसूस करते हैं? नीचे कमेंट करके अपने अनुभव जरूर साझा करें और इस जानकारी को दूसरों तक पहुँचाने के लिए शेयर करें।
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पढ़ें - चरक संहिता के अनुसार आयुर्वेदिक उपचार।
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